पटना में हुई बैठक के बाद सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि सभी दलों ने साथ लड़ने पर सहमति जताई है।
लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ मजबूत मोर्चेबंदी के लिए 15 भाजपा विरोधी दलों का पटना में महाजुटान हुआ। सीएम नीतीश कुमार के आवास पर करीब पौने चार घंटे तक विपक्ष की बैठक चली। बैठक में नीतीश को गठबंधन का संयोजक बनाने पर चर्चा हुई है, लेकिन फैसला अगली बैठक में होगा। अगली बैठक 10 से 12 जुलाई के बीच शिमला में होगी। कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने यह घोषणा की।
पटना में हुई बैठक के बाद सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि सभी दलों ने साथ लड़ने पर सहमति जताई है। आगे की बातों पर अगली बैठक में फैसला लिया जाएगा। गठबंधन के नाम, संयोजक और सीट शेयरिंग के फॉर्मूले पर शिमला में चर्चा होगी। शुरुआत में ही ममता बनर्जी ने नेताओं से महत्वाकांक्षा का त्याग करने की बात करके मीटिंग का टोन सेट कर दिया कि सबको कुर्बानी देनी होगी तभी विपक्ष एकजुट हो सकेगा। बैठक में जहां शिवसेना यूबीटी के उद्धव ठाकरे ने दिल्ली के अध्यादेश को लेकर अरविंद केजरीवाल की आप को समर्थन देने की बात उठाई वहीं नेशनल कॉन्फ्रेंस के उमर अब्दुल्ला ने केजरीवाल से धारा 370 पर आप का रुख साफ करने को कहा। केजरीवाल ने अपने भाषण में दिल्ली सरकार के अधिकार को लेकर केंद्र के अध्यादेश की चर्चा की और राज्यसभा में सबका समर्थन मांगा।
विपक्षी बैठक में जेडीयू से नीतीश कुमार, ललन सिंह, संजय झा के अलावा कांग्रेस पार्टी से मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, केसी वेणुगोपाल, आरजेडी से लालू यादव, तेजस्वी यादव, मनोज झा, एनसीपी से शरद पवार, सुप्रिया सुले, प्रफुल्ल पटेल, सीपीएम से सीताराम येचुरी, सपा से अखिलेश यादव, शिवसेना यूबीटी से उद्धव ठाकरे, आदित्य ठाकरे, संजय राउत, जेएमएम से हेमंत सोरेन, टीएमसी से ममता बनर्जी, अभिषेक बनर्जी, डेरेक ओ ब्रायन, डीएमके से एमके स्टालिन, टीआर बालू, AAP से अरविंद केजरीवाल, भगवंत मान, संजय सिंह, राघव चड्ढ़ा, पीडीपी से महबूबा मुफ्ती, सीपीआई से डी राजा, सीपीआई एमएल से दीपांकर भट्टाचार्य समेत अन्य नेता मौजूद रहे।